मैंने कुछ सिक्के जोड़े थे पिछले 20 सालों में --
ख्वाब के थे,मेहनत के थे,परवानगी के थे---
बालों की चाँदी पे नीम-रात सी गहरी नींद के रंग चढा़ने के खर्चे के लिए भी ----
पर दौर ऐसा आया कि वो सिक्के अब जिंदगी के बाजार में "Legal tender" ही नही रहे ---
और उसपर सितम ये कि-- उन्हे बदलने वाला कोई बैंक भी नही ।
ख्वाब के थे,मेहनत के थे,परवानगी के थे---
बालों की चाँदी पे नीम-रात सी गहरी नींद के रंग चढा़ने के खर्चे के लिए भी ----
पर दौर ऐसा आया कि वो सिक्के अब जिंदगी के बाजार में "Legal tender" ही नही रहे ---
और उसपर सितम ये कि-- उन्हे बदलने वाला कोई बैंक भी नही ।